Jeen Mata Chalisa Pdf Download
जीण माता चालीसा | Jeen Mata Chalisa | Jeen Mata Chalisa in hindi
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श्री जीण माता चालीसा को शांत मन के साथ, अपने आप को माँ के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा सारे कष्ट दूर हो जाते हैं | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें |
Jeen Mata Chalisa lyrics
|| दोहा ||
श्री गुरुपद सुमिरण करूँ, गौरीनंदन ध्याय ।
वरणऊ माता जीण यश , चरणों शीश नवाय ।।
झांकी की अद्भुत छवि , शोभा कही न जाय ।
जो नित सुमरे माय को , कष्ट दूर हो जाय ।।
॥ चौपाई ॥
जय श्री जीणभक्त सुखकारी।
नमो नमो भक्तन हितकारी ॥
दुर्गा की तुम हो अवतारा ।
सकल कष्ट तु मेट हमारा ॥
महाभयंकर तेज तुम्हारा।
महिषासुर सा दुष्ट संहारा ॥
कंचन छत्र शिष पर सोहे ।
देखत रूप चराचर मोहे॥
तुम क्षत्रीधर तनधर लिन्हां ।
भक्तों के सब कारज किन्हां ॥
महाशक्ति तुम सुन्दर बाला ।
डरपत भूत प्रेत जम काला ॥
ब्रहमा विष्णु शंकर ध्यावे ।
ऋषि मुनि कोई पार न पावे ॥
तुम गौरी तुम शारदा काली ।
रमा लक्ष्मी तुम कपपाली॥
जगदम्बा भवरों की रानी ।
मैया मात तू महाभवानी ॥
सत पर तजे जीण तुम गेहा ।
त्यागा सब से क्षण में नेहा ॥
महातपस्या करनी ठानी ।
हरष खास था भाई ज्ञानी ॥
पिछे से आकर समझाई ।
घर वापिस चल माँ की जाई॥
बहुत कही पर एक ना मानी ।
तब हरसा यूँ उचरी बानी ॥
मैं भी बाई घर नहीं जाऊँ ।
तेरे साथ राम गुण गाऊँ॥
अलग अलग तप स्थल किन्हां ।
रैन दिवस तप मैं चितदीन्हा ॥
तुम तप कर दुर्गात्व पाया ।
हरषनाथ भैरू बन छाया ॥
वाहन सिंह खडक कर चमके ।
महातेज बिजली सा दमके ॥
चक्र गदा त्रिशूल विराजे ।
भागे दुष्ट जब दुर्गा जागे ॥
मुगल बादशाह चढकर आया ।
सेना बहुत सजाकर लाया॥
भैरव का मंदिर तुड़वाया ।
फिर वो इस मंदिर पर धाया ॥